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Foundation Course Of Astrology

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Foundation Course Of Astrology

Foundation Course Of Astrology By Acharya Amit Khandelwalll

 

1. ज्योतिष क्या है एक परिचय

2. ज्योतिष की उत्पत्ति

3. वेद और ज्योतिष

4. ज्योतिष का महत्व

5. ज्योतिषी के गुण

6. ज्योतिष के अनुसार कर्म का विभाजन, ज्योतिष के आधार स्तम्भ, भचक्र

7. कुंडली अध्ययन के लिए हमें निम्न तीन चीजों की जानकारी होना आवश्यक है ।

  • राशियाँ
  • भाव
  • ग्रह

Foundation Course Of Astrology in Jaipur By Acharta Amit

⭐ राशियों का विस्तृत वर्णन –

1. मेष
2. वृषभ
3. मिथुन
4. कर्क
5. सिंह
6. कन्या
7. तुला
8. वृश्चिक
9. धनु
10. मकर
11. कुम्भ
12. मीन

⭐ राशियों का स्वभाव (चर, स्थिर, द्विस्वभाव), राशियों के तत्व,

राशियों के लिंग, राशियों की प्रकृति, राशियों के वर्ण,

राशियों की दिशाएं, राशियों के बल, राशियों के रंग,

राशियों के निवास स्थान, राशियों के अनुसार शरीर के अंग,

राशियों के गुण, राशियों के पैर  

⭐ राशियों का अन्य वर्गीकरण जैसे कलात्मक राशियाँ,

तकनीकी राशियाँ, अर्ध तकनीकी राशियाँ, क्रूर राशियाँ ,

सौम्य राशियाँ, धातु मूल और जीव राशियाँ,

चमकीली और मलिन राशियाँ, उपजाऊ और अनुपजाऊ राशियाँ

⭐ भावो का विस्तृत वर्णन :- किस भाव के क्या क्या कारक तत्व है इत्यादि 

1. पहला भाव / लग्न भाव / तनु भाव
2. दूसरा भाव / धन भाव / कुटुंब भाव
3. तीसरा भाव / पराक्रम भाव
4. चौथा भाव / सुख भाव
5. पाँचवा भाव / संतान भाव / संचित कर्म भाव
6. छठा भाव / रोग, ऋण, रिपु भाव
7. सातवाँ भाव / कलत्र भाव / जाया भाव
8. आठवाँ भाव/ आयु भाव
9. नौवाँ भाव / भाग्य भाव / धर्म भाव / प्रारब्ध भाव
10. दसवाँ भाव / कर्म भाव
11. ग्यारहवाँ भाव / इच्छा भाव / लाभ भाव
12. बारहवाँ भाव / व्यय भाव / हानि भाव

⭐ केंद्र भाव, त्रिकोण भाव, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष भाव,

त्रिक भाव, त्रिषडाय भाव, बाधक और मारक भाव,

आपोक्लिम और पणफर भाव

⭐ ग्रहो का विस्तृत वर्णन 

ग्रहों की पौराणिक कथाएँ,

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहो का वर्णन और

ग्रहों के कारकत्व

1. केतु
2. शुक्र
3. सूर्य
4. चन्द्रमा
5. मंगल
6. राहु
7. गुरु
8. शनि
9. बुध

⭐ ग्रहों की राशियाँ, उनकी मूलत्रिकोण राशि 

उच्च नीच राशि, ग्रहों की पूर्ण दृष्टियाँ

⭐ ग्रहों का उदय और अस्त होना, ग्रहों की मित्रता,

नैसर्गिक मैत्री, तात्कालिक मैत्री, पंचधा मैत्री 

⭐ ग्रहों के पद, ग्रह का एक राशि में भ्रमण,

ग्रहों की दैनिक गति, ग्रहों के काल अर्थात समय

⭐ ग्रहों का निवास स्थान, ग्रहों का बल एवं दिशा

ग्रहों का वर्ण, ग्रहों का स्वभाव, ग्रहों की अवस्थायें,

ग्रहों की ऋतुएँ, ग्रहों का स्वाद, ग्रहों के वृक्ष,

ग्रहों की इन्द्रियाँ, ग्रहो के लोक, ग्रहों के लिंग  

⭐ ग्रहों के अवतार, ग्रहों के अधिदेवता,

ग्रहों के उपासना मंत्र, ग्रहों के गायत्री मंत्र

ग्रहों के तांत्रिक मंत्र, ग्रहों के पौराणिक मंत्र,

ग्रहों के बीज मंत्र, ग्रहों के मंत्रो की जप संख्या

ग्रहों की दशा अवधि, ग्रहों की दिशाएं, ग्रहों की धातु,

ग्रहों से संबंधित रत्न, ग्रहों के धान या अन्न, 

ग्रहों के अनुसार शारीरिक बनावट और रंग,

ग्रह की जाति और गोत्र, ग्रह अनुसार भाग्योदय,

ग्रह अनुसार परिवार का संबंधी, शुभ, क्रूर और पाप ग्रह

⭐ ग्रहों की प्रकृति, ग्रहों के कारक, ग्रहों के गुण,

ग्रहों के चिन्ह, ग्रहों के तत्व, ग्रहों के नक्षत्र, ग्रहों के पुष्प

 

 

Foundation Course Of Astrology Online In Jaipur, Rajasthan

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8. कुंडली का निर्माण और उसके प्रकार,

9. कुंडली बनाते समय जन्म समय किसको माने?

10. आपका लग्न, राशि और सूर्य राशि कौनसी है?

11. आपका नक्षत्र कौनसा है?

12. योगकारक ग्रह, अकारक ग्रह

13. बाधक भाव और बाधक ग्रह,

14. मारक भाव और मारकेश ग्रह

15. पंचांग क्या है पंचांग की उपयोगिता,

16. पचांग से लग्न और चंद्र कुंडली बनाना,

17. बच्चे के जन्म के आधार पर उसका नामाक्षर

18. गुरु चांडाल दोष और उपाय,

19. केमद्रुम दोष और उपाय,

20. अंगारक दोष और उपाय, पितृ दोष और उपाय,

21. तलाक योग और उपाय, वैध्य्व्य योग और उपाय

22. कुंडली में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण – विस्तृत जानकारी और उपाय

23. मंगलीक योग, डबल और ट्रिपल मंगलीक भौम पंचक योग,

24. मंगलीक होने पर रखी जाने वाली सावधानियाँ और उपाय

25. कालसर्प योग क्या है और कैसे बनता है।

26. कालसर्प के प्रकार और कालसर्प की शांति के उपाय

27. शनि पाया विचार, शनि की ढैय्या और साढ़े साती,

28. साढ़ेसाती में रखी जाने वाली सावधानियाँ और उपाय

29. महादशा क्या है और कैसे चालू होती है

30. कौनसी महादशा शुभ होती है और कौनसी अशुभ,

31. महा दशा के फल, अंतर दशा, प्रत्यंतर दशा,

32. प्राण दशा और सूक्ष्म दशा, दशाओं के द्वारा फलित नियम

 

 

 

Deliverables:-

  1. Complete study material in the form of Hard Copy
  2. Video recording of each session through E-Learning
  3. Certificates manually by Acharya Ji
  4. A brief Note book for Predictions

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